उपराष्ट्रपति के भाषण के मुख्य बिंदु - हमीरपुर में 'एक से श्रेष्ठ' के 500वे केंद्र का लोकार्पण

उपराष्ट्रपति के भाषण के मुख्य बिंदु - हमीरपुर में 'एक से श्रेष्ठ' के 500वे केंद्र का लोकार्पण

Vice President Hamirpur Visit

Vice President Hamirpur Visit

Vice President Hamirpur Visit: सबसे पहले देरी से आने के लिए माफी। दिल्ली में मौसम तो ठीक था, चंडीगढ़ से हेलीकॉप्टर देरी से उड़ा। पर यहां का मौसम देखकर प्रफुल्लित हो गया हूं। इस महीने सूरज देवता की इतनी बड़ी कृपा यहां देखकर अभिभूत हूं।

चंद्रयान-3 चांद पर पंहुचा 23 अगस्त 2023 को और वहां पर इनका (हिमाचल के राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल की ओर इशारा करते हुए) नाम अमर हो गया शिव शक्ति पॉइंट।

श्री अनुराग ठाकुर जी केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, मेरा सबसे पहले लगाव हिमाचल प्रदेश से 1990 में हुआ। मैं केंद्र में मंत्री था। मेरा परम सौभाग्य था श्रीमान प्रेम धूमल जी के साथ में संसद सदस्य था। उनके अनुरोध पर उनकी पहल पर धर्मशाला में पहली फ्लाइट का शुभारंभ करने का सौभाग्य मुझे मिला। तब शांता कुमार जी यहां के मुख्यमंत्री थे और धूमल साहब सांसद थे। तब से लेकर आज तक इस परिवार से मेरा जीवंत नाता रहा है पर इस नाते को बहुत गहराई तक अनुराग जी ले गए हैं।

जब से उपराष्ट्रपति बना हूं, राज्यसभा का सभापति बना हूं, कोई सत्र ऐसा नहीं गया है जब मुझे यहां के बच्चे-बच्चियों का स्वागत करने का सौभाग्य ना मिला हो, उनसे मेरी चर्चा हुई है, और मेरे घर में सबसे ज्यादा टोपी कहीं से हैं तो वह हिमाचल से है।

अनुराग एक संस्कृत का नाम है और अनुराग का मतलब है प्रेम और भक्ति। प्रेम भी है, भक्ति भी है, संकल्प भी है।

आज का दिन मेरे लिए सदा याद रहने वाला है। क्रिकेट के जगत में क्रिकेट के महाकुंभ कारने का सौभाग्य इनको मिला है, पर कभी मैंने एक सेंचुरी देखी है, दो सेंचुरी देखी हैं, तीन सेंचुरी देखी हैं... 5 सेंचुरी मैंने यहीं देखी हैं।

यह (कार्यक्रम) पांचवां है ना ... यह फिफ्थ सेंचुरी है और कितना सार्थक प्रयास है। आते समय मैंने देखा और गहराई से देखा और खासतौर से जो हेल्थ वेन है उसके अंदर जाकर मैंने बात करी। मुझे उसके अन्दर सबकुछ 24 कैरेट गोल्ड लगा। 

लगातार चार बार संसद सदस्य बनना आसान नहीं है। एक से एक दायित्व को निभाना, निर्भीकता से, संकल्प से, जनकल्याण को दृष्टि में रखते हुए, यह काम अनुराग जी ने किया है।

 मैंने यहां के बच्चे बच्चियों से प्रभावित होकर दो काम किये।  मैंने संसद के माननीय सदस्य गण को मैंने कहा कि अनुराग मॉडल of development for boys & girls को अपनाओ। 

और मैं भी अनुराग जी के माध्यम से आपको बताऊंगा कि आने वाले 6 महीने के बाद शतक पूरा कर लूंगा शैक्षणिक संस्थानों में जाने का। सबसे बड़ी ऊर्जा वहां मिलती है। यह काम साधारण नहीं है। आपने कहा  डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन बहुत बड़े फिलॉसफर थे, उपराष्ट्रपति रहे, राष्ट्रपति रहे पर उनकी पहचान एक शिक्षक की पहचान है। उनको शिक्षक के नाम से जाना जाता है।


बच्चे और बच्चियो, मेरा आपसे आग्रह रहेगा हमें कभी अपने संस्कारों को नहीं भूलना चाहिए। अपने माता-पिता का सदा सम्मान करो। अपने गुरुजन का सदैव आदर करो। आपके गुरुजन आपको भविष्य के लिए shape करते हैं।  कहा गया है ना-

 “गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय,
 बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय”

जब मैं यहां आया, आते ही यहां एक नारा गूंज "भारत माता की जय''। सोचिये पिछले 48 घंटे में क्या हुआ है, समुद्र में एक विदेशी जहाज को हाईजैक कर लिया गया। उसमें हमारे भारतीय थे। उन भारतीयों को छुटाने के लिए हमारी नेवी का वॉरशिप गया, सफलतापूर्वक उनको भी छुड़ाया औरों को भी छुड़ाया। उन लोगों ने सबसे पहले कहा - भारत माता की जय। समुद्री के बीच उनको लगा देश का नेतृत्व है जो चार-चार नेवी की वॉरशिप को उनको बचाने के लिए तुरंत भेजा गया और सफलता से बचाया। यह बदलता हुआ भारत है।

मुझे वह जमाना याद है और धूमल साहब को भी याद है 90 के दशक में देश की क्या हालत थी? बाद में क्या हुई है! पर पिछले एक दशक में जो काम हुआ है, वह सबसे बड़ा नारी शक्ति को एक स्वरूप देने का हुआ है। तीन दशक से कोशिश होती रही, पर पार नहीं पड़ी पर सितंबर का महीना, पार्लियामेंट का नया भवन, स्पेशल सेशन और पूरे देश में लोकसभा और विधानसभाओं में माताओं और बहनों को ⅓ आरक्षण मिला। यह बहुत बड़े बदलाव का केंद्र है।

जब मैं आपको देखता हूं, आपकी उपस्थिति में देखता हूं तो... मुझे कल भी एक सौभाग्य मिला, देशभर से एनसीसी के बच्चे-बच्चियां आए हुए थे। और लेफ्टिनेंट जनरल ने मुझे बताया एनसीसी में लड़कियों की तादाद 39% है। कहां थे हम कहां चले गए!

आज के दिन हमारी बच्ची पायलट हैं और सेना में भी पायलट है, वह एयरफोर्स में भी पायलट है और चंद्रयान के मामले में तो एक बहन को राकेट वूमेन कहा जाता है। और वह दिन याद कीजिए देश के इतिहास में पहली बार किसी ने कल्पना नहीं की थी कि देश की प्प्रथम नागरिक, देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू बनेंगी। किस वर्ग से आती है? ट्राइबल वर्ग से आती हैं।

मेरा आप लोगों से यही कहना है कि यह जो प्रोग्राम है ‘एक से श्रेष्ठ’ यह मानव की शक्ति को सकारात्मक रूप देने के लिए है। दुनिया में बदलाव का सबसे बड़ा केंद्र यह है कि हर मानव को अपनी प्रतिभा चमकाने का अच्छा अवसर मिले। क्या था पहले? महिलाएं चूल्हे के अंदर आंसू बहाती थीं। 10 करोड़ महिलाओं को गैस कनेक्शन देना है, दे दिया गया। मैं इसको दूसरी दृष्टि से देखता हूं। जब आप एक महिला को मजबूत करते हो तब आप एक व्यक्ति को मजबूत नहीं करते, एक परिवार को मजबूत नहीं करते, आप एक समाज को मजबूत करते हो। आप अगली पीढ़ी को तैयार करते हो देश की भविष्य का निर्माण करते हो।

जो कार्यक्रम इन्होंने किए हैं 'स्वास्थ्य, शिक्षा का उत्थान, भारत दर्शन, खेलों में ध्यान देना,' all these programs are important for integrated development of a child, of a young person. Boys and girls इसलिए मैं इनको धन्यवाद तो देता ही हूं, यह साधुवाद के पात्र हैं, पर मैं उनसे भी ज्यादा उन बच्चों को देता हूं कि उनकी कितनी सकारात्मक सोच है! उनके चेहरे पर क्या चमक देखी हमने! They are amazing performers!

आज मुझे कोई शंका नहीं है कि आज भारत की यात्रा बहुत ऊपर चली गई है। आज वो भारत नहीं है जो दुर्बल था, आज हम दुनिया की महाशक्ति हैं हमने इंग्लैंड को पीछे छोड़ा है, कनाडा को पीछे छोड़ा है, फ्रांस को छोड़ा है और हम पांचवी महाशक्ति बन गए हैं। यह आपकी बदौलत है, आपकी प्रयास की वजह से है। और कुछ ही साल बाकी हैं, 5-6 साल में हम जापान और जर्मनी को भी पीछे छोड़ देंगे। जिन देशों की तरफ हम देखते थे कि क्या कभी हमारे देश में भी ऐसा होगा, वह देश देखते हैं आज भारत में आकर कि क्या हमारे देश में भी ऐसा होगा! कितना बड़ा बदलाव है!

एक साल का ही देख लो क्या-क्या नहीं हुआ है? एक साल में चांद पर हम पहुंच गए, एक साल में ही विक्रांत समुद्र में उतार दिया है- भारत में निर्मित, हवाई जहाज तेजस भारत में बन गया, हेलीकॉप्टर बन गया, पिछले साल ही विश्व का बड़ा - one of the biggest top 10, भारत मंडपम हो गए, यशोभूमि हो गया। और कितने लोगों को जीवन में बदलाव करने के लिए सहायता उपलब्ध की गई है।

यदि अगर कोई देश बदलता है तो नवयुवकों से, boys and girls, से जो मेरे सामने हैं। आज अमृत काल में भारत की ठोस नींव प्रधानमंत्री ने डाल दी है। यह मज़बूत नींव है। हमारा अमृत काल, हमारा गौरव काल है और 2047 में भारत दुनिया के श्रेष्ठतम देशो में होगा। यह भार आपके कंधों पर है, यह आपको करना है और मेरे मन में कोई शंका नहीं है कि आप हर हालत में हर परिस्थिति में ऐसा करके दिखाओगे।

आज के दिन जो बातें हमको रोकती थी, जिन बातों से हम परेशान थे - भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार, कानून के सामने समानता नहीं होना, यह बड़े खतरे की घंटियां थी। कुछ लोगों के मन में विचार आ जाता था - कानून हमारा क्या करेगा? हम तो कानून से ऊपर हैं। अब कानून से ऊपर कोई हो जाएगा तो आप और हम प्रजातंत्र का फायदा कैसे उठाएंगे? कानून के सामने सबको झुकना पड़ेगा! यही प्रजातांत्रिक व्यवस्था का मूल है और आज के दिन इस देश में यह पूरी तरह से लागू हुआ है।

आज के दिन इस देश में पूरी तरह से पारदर्शिता है, उत्तरदायित्व है, सबको समान अवसर मिल रहे हैं और मेरिट को मिल रहे हैं। आपको मैं बताना चाहता हूं आप थोड़ा अंदाजा लगाइए, आपको अपनी प्रतिभा चमकाने का हर सुअवसर आज की व्यवस्था में मिल रहा है।

भारत दुनिया की नजर में उभरता हुआ देश नहीं है बहुत उभरा हुआ देश है। दुनिया के देश भारत की तरफ देख रहे हैं। कोई शंका नहीं है कि आज के दिन भारत की बुलंद आवाज पूरी दुनिया पहचानती है ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

5000 साल की संस्कृति का निचोड़ ले लीजिए। किसी देश के पास यह नहीं है। बीच में रास्ता भटक गए थे। संकट भी थे देश के सामने। हर कालखंड में काम हुआ है, हर कालखंड में लोगों ने देश को उठाने की कोशिश की है पर इस समय जो प्रगति है वह bullock cart की नहीं है, वह rocket speed की है, और हिंदुस्तान ko rocket speed की ही आवश्यकता थी। और यह हमारा परम सौभाग्य है कि आज भारत rocket speed से प्रगति कर रहा है और उस हवन के अंदर आपके अनुराग ठाकुर का भी बहुत भारी योगदान है।

अंत में सिर्फ यही कहूंगा हमारी पहचान भारतीयता है। इसमें कोई शक नहीं है कि भारत हमारे लिए सर्वोपरि है। भारत का हित हम सर्वोपरि रखेंगे। हम इस देश के सच्चे नागरिक हैं। हम इस देश को झुकने नहीं देंगे, हम हर हालत में इस देश में जो हो रहा है... आज अप्रत्याशित अकल्पनीय विकास की गंगा हर कोने में जा रही है। हर वर्ग को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही है। इसके लिए हम और आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे।

मुझे यहां आकर बहुत प्रसन्नता हुई है। पर मेरे से भी ज्यादा प्रसन्नता मेरी धर्मपत्नी को हुई है। इनका लगाव बच्चों के विकास में है और यह अनुराग ठाकुर को अब छोड़ेंगी नहीं। इनको बहुत होमवर्क देंगे। इन्होंने देखा है, बोला आपको बहुत कुछ सीखने की दरकार है। मैंने कहा क्यों? बोला आपका डाइस ऐसा बनाया गया है जिसके नीचे किताब है। उधर बहुत लिखने की आवश्यकता है वहां पेंसिल हुआ है। क्या सोच से बच्चों को दिया गया है।

I strongly commend the efforts being made by your Member of Parliament by addressing the concerns of young boys and girls who will shoulder the responsibility to make our Bharat at 2047, when we celebrate centenary of independence, we will be at peak.

आप लोगों ने समय दिया उसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं। यहाँ मैं लगातार आता रहूंगा यह मेरा वादा नहीं है यह मेरा संकल्प है।

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